October 17, 2025

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श्रीमद भागवत कथा में गोवर्धन पूजा का प्रसंग प्रकृति व गौमाता के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का संदेश देती है,विदुषी पूज्य पूर्वी शुक्ला

प्रखर राष्ट्रवाद न्यूज बिलासपुर/छग -: छत्तीसगढ़ बिलासपुर के व्यापार विहार में अनूप श्रीवास द्वारा आयोजित,16 नवंबर से चल रहे श्रीमद् भागवत कथा में आज साध्वी पूर्वी शुक्ला ने गोवर्धन पूजा के प्रसंग की कथा श्रवण कराते हुए कहा कि इंद्र के कुपित होने पर श्रीकृष्ण ने गोवर्धन उठा लिया था। इसमें ब्रजवासियों ने भी अपना सहयोग दिया,और देवराज इंद्र ने अपनी अहंकार के लिए भगवान श्री कृष्ण से क्षमा याचना किया।

श्रीकृष्णजी ने ब्रजवासियों की रक्षा के लिए राक्षसों का अंत किया तथा तत्कालीन युग में देवराज इंद्र के हेतु ब्रजवासियों की पुरानी चली रही सामाजिक कुरीतियों को मिटाने एवं निष्काम कर्म के जरिए अपना जीवन सफल बनाने का उपदेश दिया।

वृंदावन से पधारी प्रसिद्ध कथावाचिका साध्वी पूर्वी शुक्ला ने आगे कहा कि गोवर्धन का अर्थ है गो संवर्धन। भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उठाकर यह संदेश दिया था कि पृथ्वी पर फैली बुराइयों का अंत केवल प्रकृति एवं गो संवर्धन से ही हो सकता है। कथा श्रवण कर रहे भगवद प्रेमियों से श्रीमद् भागवत कथा की विदुषी साध्वी पूर्वी शुक्ला ने आगे कहा कि श्रीमद भागवत कथा में गोवर्धन पूजा का प्रसंग प्रकृति व गौमाता के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का संदेश देती है,प्रकृति और गो संवर्धन से लोग जितना निकटतम संबंध स्थापित करेंगे उतना ही जीवन में शांति,संतुष्टि,और भगवान श्री कृष्ण की अहैतुकी कृपा प्रसाद प्राप्त होगा।साथ ही गिरिराज पर्वत की झांकी सजाई गई एवं भगवान गोवर्धन को छप्पन भोग लगा कर श्रद्घालुओं को प्रसाद वितरण किया गया।

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