October 17, 2025

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प्रसिद्ध कथा वाचिका दीदी पूर्वी शुक्ला ने सातवें दिन सुदामा चरित्र व परीक्षित मोक्ष की कथा का वर्णन करते हुए सात दिवसीय सांगितमय श्रीमद्भागवत कथा का किया विश्राम

प्रखर राष्ट्रवाद न्यूज बिलासपुर छग -: श्रीमद् भागवत कथा के सातवें दिन कथा श्रीधाम वृन्दावन से आई राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कथा व्यास विदुषी साध्वी पूर्वी शुक्ला ने सुदामा चरित्र और परीक्षित मोक्ष आदि प्रसंगों का सुंदर वर्णन करते हुए कहा। सुदामा जी जितेंद्रिय एवं भगवान कृष्ण के परम मित्र थे। भिक्षा मांगकर अपने परिवार का पालन पोषण करते। गरीबी के बावजूद भी हमेशा भगवान के ध्यान में मग्न रहते। पत्नी सुशीला सुदामा जी से बार बार आग्रह करती कि आपके मित्र तो द्वारकाधीश है। उनसे जाकर मिलो शायद वह हमारी मदद कर दें। सुदामा पत्नी के कहने पर द्वारका पहुंचते हैं और जब द्वारपाल भगवान कृष्ण को बताते हैं कि सुदामा नाम का ब्राम्हण आया है।

कृष्ण यह सुनकर नंगे पैर दौङकर आते हैं और अपने मित्र को गले से लगा लेते । उनकी दीन दशा देखकर कृष्ण के आंखों से अश्रुओं की धारा प्रवाहित होने लगती है। सुदामा जी को सिंघासन पर बैठाकर कृष्ण जी सुदामा के चरण धोते हैं। सभी पटरानियां सुदामा जी से आशीर्वाद लेती हैं। सुदामा जी विदा लेकर अपने स्थान लौटते हैं तो भगवान कृष्ण की कृपा से अपने यहां महल बना पाते हैं लेकिन सुदामा जी अपनी फूंस की बनी कुटिया में रहकर भगवान का सुमिरन करते हैं। इस लिए कहा गया है कि जब जब भक्तों पर विपदा आई है प्रभु उनका तारण करने जरुर आए हैं। दीदी पूर्वी शुक्ला ने अगले प्रसंग में शुकदेव जी ने राजा परीक्षित को सात दिन तक श्रीमद्भागवत कथा सुनाई, जिससे उनके मन से मृत्यु का भय निकल गया।

तक्षक नाग आता है और राजा परीक्षित को डस लेता है। राजा परीक्षित कथा श्रवण करने के कारण भगवान के परमधाम को पहुंचते है। देवी पूर्वी शुक्ला ने भक्तों को श्री मद्भागवत कथा सप्ताह के अंतिम दिवस पर श्रीमद् भागवत कथा एवं श्री कृष्ण और भक्तों के बीच की संबंध को बड़े ही मार्मिकता से उपस्थित भक्तों को बताया,उन्होंने कहा कि ईश्वर के प्रति सुदामा और द्रौपदी की तारा एकनिष्ठ भक्ति करना चाहिए तभी भगवान हमारी समस्त योग क्षेम का स्वयं वहन करते हैं।

आज व्यापार विहार बिलासपुर छग में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा के विश्राम दिन शुकवार को श्री राधे श्याम जी के तमाम भजनों पर उपस्थित भक्तों ने जमकर आनंद लेते हुए नृत्य किया,तत्पश्चात हवन,कलश विसर्जन एवं भंडारे के साथ कथा का सात दिवसीय कथा का विश्राम हुआ,साध्वी पूर्वी शुक्ला जी के कथा श्रवण कर व्यापार विहार बिलासपुर के रहवासी व भागवत कथा के रसिकों में उत्साह के साथ साथ आज साध्वी पूर्वी शुक्ला जी के लिए बहुत ही भाऊकता व प्रेम के आंसू नजर आया।

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